Social Security
हमारी संस्था सभी प्रकार के अनिवार्य वैधानिक नियमो एवं अधिनियमों का पूर्ण रूप से निर्वहन करती है जोकि निम्नानुसार है
- न्यूनतम वेतन अधिनियम,1948
- मजदूरी भुगतान अधिनियम,1936
- कर्मचारी भविष्यनिधि अधिनियम,1952
- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948
- बोनस अधिनियम ,1965
- ग्रेचुटी भुगतान अधिनियम ,1972
- श्रम कल्याण अधिनियम
- कॉन्ट्रैक्ट लेबर अधिनियम, 1970
- वर्कमेन कम्पेन्सेशन अधिनियम, 1923
- सामान वेतन अधिनियम, 1976
- मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961
- बाल श्रम अधिनियम, 1986
- योन उत्पीड़न अधिनियम, 2013
साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है की सभी नियुक्त कर्मचारियों को इसका लाभ प्राप्त हो इसलिए निरंतर प्रयासरत रहती है जिससे की कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षाओं का दायरा बढे एवं वह बेहतर जीवन यापन कर सके I
कार्य के दौरान कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत
मिलने वाले लाभ
सामाजिक सुरक्षा कवच
हमारी संस्था के प्रत्येक कर्मचारी जो संस्था में नियुक्त है और
एक नियोक्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी एवं दायित्व
है कि कर्मचारियों को सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा की
सुविधा प्रदान करे I
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नियोक्ता या ठेकेदार भी कर्मचारी योगदान के बराबर राशि का भुगतान करेगा I
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भविष्य निधि सदस्य आवास, विवाह, बीमारी आदि के लिए अग्रिम / आंशिक निकासी का लाभ
उठा सकते हैं
- सेवानिवृति या सेवा छोड़ने पर भविष्यनिधि राशि को वापस लिया जा सकता है I
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मृत्यु के मामले में भविष्यनिधि राशि उत्तराधिकारी को देय है I
- नियुक्त कर्मचारी न्यूनतम १० वर्ष की सेवा अवधि के पश्चात् पेंशन के लिए योग्य होगा I
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पेंशन 58 की आयु पूर्ण होने पर देय है परन्तु नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि के दौरान कर्मचारी कि
आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित सदस्यों को पूर्ण पेंशन प्रदान कि जाती है I
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वह कर्मचारी जो कार्य के दौरान स्थाई विकलांगता के कारण कार्य करने में असमर्थ होने कि स्थिति में उसे
विकलांगता पेंशन प्रदान कि जाती है , इसके लिए उम्र एवं सेवा का कोई बंधन नहीं है I
- विधवा / विधुर के साथ ही २५ वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी पेंशन के योग्य है I
- सेवा के दौरान कर्मचारी कि मृत्यु होने पर उत्तराधिकारी को 6 लाख तक की बीमा सहायता राशि प्रदान कि जाती हैI
- बीमा लाभ के लिए कर्मचारी द्वारा कोई अंशदान देने की आवश्यकता नहीं होती है
- सेवा छोड़ने के ५० वर्ष की आयु में कम दर पर भी प्रारम्भिक पेंशन प्रदान कि जाती है
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संस्थान द्वारा अभी तक 11000 से अधिक कर्मचारियों को भविष्य निधि योजना के माध्यम
से लाभ दिया है एवं कार्यरत एवं अकार्यरत कर्मचारियों कि मृत्यु के उपरांत 15 से अधिक
कर्मचारियों के परिवारों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन एवं बीमा सहायता निधि आदि
का लाभ प्रदान किया जा चूका है एवं निरंतर प्रयासरत रहेंगे
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बीमारी हितलाभ :- बीमारी के दौरान कार्य में असमर्थ कर्मचारियों को वेतन के 70 प्रतिशत के बराबर राशि
स्वस्थ होने तक दी जाती है
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चिकित्सा हितलाभ :- कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को नियोजन के प्रथम दिन से चिकित्सा
सुविधा दी जाती है
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वर्धित बीमारी हितलाभ (पुरुष नसबंदी / महिला नसबंदी ):- महिला नसबंदी के लिए 14 दिन के लिए एवं
पुरुष नसबंदी के लिए 07 दिन के औसत दैनिक वेतन दिया जाता है
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विस्तारित बीमारी हितलाभ :- 34 विशिष्ट लम्बी बीमारिया जैसे कैंसर आदि के चिकित्सा
सुविधा के साथ ही अधिकतम 2 वर्ष 80 प्रतिशत के बराबर का वेतन दिया जाता है
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अस्थाई अपंगता हितलाभ :- संस्थान में नियुक्त होने के प्रथम दिन से ही रोजगार चोट होने
पर औसत वेतन 90 प्रतिशत स्वस्थ होने तक दिया जाता है
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स्थाई अपंगता हितलाभ :- संस्थान में नियुक्त होने के प्रथम दिन से ही रोजगार चोट होने
पर औसत वेतन 90 प्रतिशत आजीवन दिया जाता है
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आश्रितजन हितलाभ :- संस्थान में नियुक्त होने के प्रथम दिन से ही कर्मचारी की रोजगार चोट से मृत्यु
होने पर औसत वेतन का 90 प्रतिशत कर्मचारी की विधवा को आजीवन एवं उसके बच्चो को 25 वर्ष की
आयु होने तक दिया जाता है
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मातृत्व हितलाभ :- महिला कर्मचारी को 26 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश एवं चिकित्सा सुविधा
प्रदान की जाती है
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प्रसव व्यय :- बीमाकृत महिला अथवा बीमाकृत व्यक्ति की पत्नी को यदि प्रसव हेतु कर्मचारी राज्य बीमा
योजना के अंतर्गत आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर 5000/- रूपये प्रति प्रसव के अनुसार दो
प्रसव तक भुगतान दिया जाता है
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अंतेष्टि व्यय :- संस्थान में नियुक्त होने के प्रथम दिन से किसी कर्मचारी के अंतिम सस्कार में हुए व्यय
के रूप में अधिकतम 15000/- की राशि एक मुश्त प्रदान की जाती है
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व्यवसायिक प्रशिक्षण :- कर्मचारी को रोजगार चोट के वजह से शारीरिक अपंगता की स्थिति में
व्यवसायिक प्रशिक्षण के चलने पर वास्तविक प्रभारिक शुल्क या रुपए १२३/- प्रति दिन का भुगतान दिया
जाता है
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शारीरिक पुनर्वास :- कर्मचारी को रोजगार चोट के वजह से शारीरिक अपंगता की स्थिति में किसी कृत्रिम
अंग केंद्र में दाखिल होने पर औसत वेतन का 100% मिलता है
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बेरोजगारी भत्ता :- राजीव गाँधी श्रमिक कल्याण योजना के अंतर्गत काम के बंद होने,छटनी या गैर -रोजगार चोट
की वजह से हुई स्थाई शारीरिक विकलांगता के कारण कर्मचारी रोजगार की अस्वैच्छिक हानि होने की स्थिति में
अधिकतम 12 माह तक औसत वेतन का 50 प्रतिशत के पात्र है
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राजीव गाँधी श्रमिक कल्याण योजना के अंतर्गत कौशल उन्नयन प्रशिक्षण :- काम के बंद होने ,छटनी या गैर -
रोजगार चोट की वजह से हुई स्थाई शारीरिक विकलांगता के कारण कर्मचारी रोजगार की अस्वैच्छिक हानि सोने
की स्थिति में अधिकतम 6 माह तक औसत वेतन का 50 प्रतिशत के पात्र है
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अति-विशिष्ट उपचार:- अति-विशिष्ट उपचार के लिए पात्र कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों का पुरे
भारत वर्ष में १००० से अधिक टाई -अप अस्पतालों के माध्यम से रैफर आधार पर बड़ी संख्या में आधुनिक
चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध आंतरिक सुपर-स्पेशलिटी सुविधाए प्रदान की जाती है
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सेवा निवृत्ति के उपरांत हितलाभ :- कोई कर्मचारी सेवानिवृति के पश्चात् मामूली अंशदान देकर चिकित्सा
हितलाभ प्राप्त कर सकते है
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संस्था में नियुक्त सभी कर्मचारियों को सुरक्षा नियमो के तहत सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण
प्रदान किये जाते है
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कार्य की प्रकृति के अनुसार कर्मचारियों को कार्यदक्षता में निपुणता के लिए प्रशिक्षण दक्ष
प्रशिक्षकों द्वारा समय समय पर प्रदान किया जाता है साथ ही सुरक्षा उपकरणों जैसे अग्निशामक,
प्राथमिक चिकित्सा आदि के साथ ही बिहेवियर ट्रैंनिंग भी प्रशिक्षण दिया जाता है
- प्रत्येक श्रमिक का वर्ष में एक बार मेडिकल चेक-अप किया जाता है
- नियोजित कर्मचारियों के मेधावी बच्चो को वार्षिक स्कॉलर शिप प्रदान की जाती है I
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कर्मचारी की आजीविका में वृद्धि के लिए महिलाओ को रोजगारमुखी प्रशिक्षण दिलवाया जाता
है जैसे सिलाई कड़ाई, बुनाई , कुकिंग आदि I
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नियोजित कर्मचारियों के लड़कियों की शादी के लिए अधिकतम 23000/- तक की सहायता
राशि प्रदान की जाती है